Thursday, 18 January 2024


यूं ही गुजरते गुजरते हर साल गुजर गया

हर साल का इक इक खयाल गुजर गया

अभी देखा कि सब कुछ नया सा क्यूँ है

जनवरी आया तो नए साल का इंतज़ार गुजर गया

फिक्रमंद है कि अब तो नई ख्वाहिशे होंगी

नए साल पे मगर यादों का कारवां गुजर गया

नए दोस्त पुराने दोस्त, अजी छोड़िए इन फलसफ़ों को

जिये कुछ ऐसे मानो हवाओं का तूफान गुजर गया

चलिये नए साल में करके गमों को दूर,

खुशियों को बोले के उनका इंतज़ार गुजर गया