यूं ही गुजरते गुजरते हर साल गुजर गया
हर साल का इक इक खयाल गुजर गया
अभी देखा कि सब कुछ नया सा क्यूँ है
जनवरी आया तो नए साल का इंतज़ार गुजर गया
फिक्रमंद है कि अब तो नई ख्वाहिशे होंगी
नए साल पे मगर यादों का कारवां गुजर गया
नए दोस्त पुराने दोस्त, अजी छोड़िए इन फलसफ़ों को
जिये कुछ ऐसे मानो हवाओं का तूफान गुजर गया
चलिये नए साल में करके गमों को दूर,
खुशियों को बोले के उनका इंतज़ार गुजर गया