KaDaM...
Thursday, 9 April 2015
प्रारम्भ
नई शुरुआतें अक्सर अचानक हो जाती, कुछ कुछ वैसे है जैसे इस ब्लाग की...
देखते है कितना दूर जाएंगे
क्या मंज़िलें मिलती है
1 comment:
ashish
9 April 2015 at 04:53
मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनो मे जान होती है,
पंख से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है...
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मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनो मे जान होती है,
ReplyDeleteपंख से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है...