Thursday, 9 April 2015

प्रारम्भ

नई शुरुआतें अक्सर अचानक हो जाती, कुछ कुछ वैसे है जैसे इस ब्लाग की...
देखते है कितना दूर जाएंगे
क्या मंज़िलें मिलती है

1 comment:

  1. मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनो मे जान होती है,
    पंख से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है...

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